#पूर्ण_चित्र
चंद्रशेखर आजाद जी को अपनी फोटो खिंचवाने से बड़ी चिढ़ होती थी लिहाज़ा बार - बार उनकी एकाध फोटो ही हमारे आसपास घुमती रहती हैं ।
आइए जानते हैं उस बेहद लोकप्रिय फोटो के बारे में जिसमें आजाद अपने मूंछों पर ताव देते नजर आते हैं ।
काकोड़ी कांड के बाद अंग्रेज हाथ धोकर इस डाके में संलिप्त क्रांतिकारियों के पीछे पड़ गए थे । आजाद के साथियों की गिरफ्तारी का सिलशिला शुरू हो चुका था । चारों तरफ जासूसों का जाल बिछा हुआ था ।
आजाद जासूसों से बचते - बचते किसी तरह झांसी पहुंचे । वहां उन्होंने रूद्रनारायण सिंह " मास्टर जी " के आवास में शरण ली । मास्टर जी का आवास कला - संस्कृति और व्यायाम का केंद्र हुआ करता था । सरकारी जासूसों और नौकरशाहों का भी आना - जाना वहां लगा रहता था । इसलिए आजाद ने वहां रूकना मुनासिब नहीं समझा । लाख मना करने के बावजूद भी वह पास के जंगल में एक छोटे से हनुमान मंदिर के पुजारी बनकर रहने लगे ।
फिर एक दिन आजाद को मास्टर जी अपने आवास पर ले आये । कला - प्रेमी होने के साथ - साथ मास्टरजी फोटोग्राफी भी कर लिया करते थे ।
बहुत देर से मास्टरजी आजाद को बिना कुछ बताए ही उनकी तस्वीर अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन आजाद थे कि सही पॉजिशन ले ही नहीं रहे थे ।
बाद में तंग होकर मास्टरजी ने आजाद से एक फोटो खिंचवाने का निवेदन ही कर दिया । पहले तो आजाद तैयार नहीं हो रहे थे लेकिन बाद में फोटो खिंचवाने के लिए खड़े हो गए ।
फिर मास्टरजी ने जैसे ही अपना कैमरा संभाला और बोला , " आज तुम मुझे ऐसे ही तुम्हारा एक फोटो खींच लेने दो
" आजाद ने कहा , " अच्छा तो ज़रा मेरी मूंछे एंठ लेने दो " और ऐसा कहकर उन्होंने अपनी मूंछे घुमानी शुरू कर दी । इसी बीच मास्टर जी ने उस ऐतिहासिक तस्वीर को अपने कैमरे में कैद कर लिया जो आज राष्ट्र की महान नीधि बन गया ।
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